About us
Bhawas Academy
At Bhawas Academy, we believe that every student possesses unique talents and potential waiting to be unleashed. Founded with a vision to provide holistic education and empower young minds, we are committed to fostering intellectual curiosity, creativity, and character development.
।। भावा एक प्रेरणा ।।
परम शक्ति पर अगाध आस्थावान “भावा” कहलाता है।
सबमें ईश्वर के दर्शन, सम्पूर्ण सृष्टि प्रकति जगत के कण–कण पर भगवत सत्ता को महसूस करना अनुशासित नियमबद्ध जीवनचर्या जीवन में ओज चेहरे में सदैव गमत्व का भाव लिये सहज मुस्कान स्वयं के दुख को व्यक्त न होने देने की अदभुद क्षमता पर अपनी पारखी व अनुभवी नजरों से पराये दुःख को पहचानने की विलक्षणता सम्पन्नता विपन्नता में समदृष्टि संभव संयम धैर्य की प्रतिमूर्ति सागर सी गहराई दुखों को सहन करने का माददा “भावा” से सीखें। पीड़ित मानवता की निःस्वार्थ सेवा करना जिनका धर्म था जिसका निर्वहन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने किया। ऐसी सदगुणों की खान महान व्यक्तित्व की धनी करुणामयी ममतामयी हम सबकी श्रद्धा को हम प्रेग पूर्वक भावाजी (श्रीमती शक्ति प्रभा जी सिसोदिया) कहते हैं।
यद्यपि आज वे हमारे बीच में नहीं है पर उनके सिद्धांत उनकी सेवा साहस पैर्य कर्म, धर्म उनका व्यक्तित्व उनका कृतित्व अनुकरणीय है और हमारा मार्ग दर्शक करता है और करता रहेगा। भावा का वात्स्यमय स्नेहिल व्यवहार उनका आभा महंत इतना प्रभावी था कि उनसे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति प्रभावित हुए बगैर रह नहीं सकता था शुभांशी ऐसा जैसे नीलाम्बर जैसा प्रतीत होता था। क्षत्रिय कुल भूषण “शौर्य” पुरूष मातृ भूमि पूजक महान योद्धा पुरूष महारणा प्रताप के वंशज परिवार में बंधु बनकर आयीं शशि प्रभा अपने सहज प्रेग पूर्ण व्यवहार कुशल कार्यशैली और बढ़प्पन के कारण शनैः शनैः सबके लिए बघु से ‘भावा जी हो गई फिर क्या घर क्या बाहर क्या परिजन क्या बच्चे और क्या बूढ़े सबकी प्रिय ममता से पूर्ण सबके दुःख दर्द सबके सुख की साथी हो गई ‘भावा‘। ‘भावा‘ ने ऐसे आदर्श स्थापित किये जो आज भी प्रशांगिक है वैभव इतना की विलासता का जीवन जी सकती थी सिंहासन पर बैठकर आरामय जीवन जी सकती थी। परन्तु इनसे कोसों दूर भोर से देर रात तक व्यक्तिगत में था। उन्होंने त्याग किया ठाट–बाट का राजसी सुख–सुविधा का. और लगी रहती थी गरीबों, असहाय, असमर्थों, नर्मदा परिक्रमा पथकों की सेवा में मावा का चिन्तन सदैव उन अभावग्रस्त नव निहालों के लिए था भीषण ठंड में उन्हें स्वेटर बुनकर गर्भ वस्त्रों का दान करना जिससे कि सर्दी का बचाव हो सके। बीमार अस्वस्त व्यक्तियों का आयुर्वेदिक उपचार बताना उनके पास से अधिकांश औषधियाँ उनको उपलब्ध कराना उनके स्वभाव में था। नव निहालों को उन्नति के पद पर अग्रसर करने की सदप्रेरणा देना सद्भाव और सद् व्यवहार की पक्षधर ‘भावा‘ के मन में ताकत थी उपलब्धि हासिल करने उन्होंने वैचारिक क्रांति ‘संग्राम‘ के जरिये लाई। उनका सपना था कि नगर में एक श्रेष्ठ गुणवत्तायुक्त स्कूल की स्थापना करें जिसके फलस्वरूप 10 मार्च 2010 में भावा एकेडमी की स्थापना हुई जहाँ पर आज लगभग 600 शिक्षार्थियों को शिक्षित किया जा रहा है। जहाँ के बच्चे उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहें है। अभिभावकों के मंशारुप आधुनिक पाठ्यक्रम की शिक्षा श्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा दी जा रही है। भावा के सपनों को साकार करने का अभियान अनवरत जारी है। इसे सफलता के शिखर तक पहुँचाने का जज्बा उनके होनहार पुत्रों ‘शक्ति व संग्राम‘ का है।
‘भावा‘ सदैव प्रवाहित होने वाली विचारधारा बन चुकी है जो सरल–सहज–तरल–शीतल और अभिमान अहंकर से परे है। दुनिया की जंग जीतना साधनों के साथ आसान है परन्तु विपत्ति और विपरीत परिस्थितियों में संभलकर रहना, बगैर विचलित हुए विजय का इंतजार करना आसान नहीं है। यह कौशल ईश्वरीय व्यक्ति के अलावा किसी के पास नहीं हो सकता। ‘সাবা‘ इस कला के प्रतीक है। जीवन जीने की कला भावा के जीवन से सीखी जा सकती है। ‘भावा‘ अन्याय की विरोधी और न्यायप्रिय थीं उनमें अदम्य साहस और प्रशासनिक क्षमतायें विद्वमान थीं। समाज सेवा मानव सेवा को विस्तार देने नगर का प्रतिनिधित्ल किया और एक कुशल प्रतिनिधि का अहसास कराया। उन्होंने समाज में घृणा विघटन अपना–पराया, भेद–भाव मिटाने का काम किया। सामाजिक सांस्कृतिक समरस्ता स्थापित करने स्वयं के व्यय पर रामछाया बड़ी बखरी में विभिन्न पर्व त्यौहारों पर आयोजन करने की पुरातन परम्परा को आगे बढ़ाया। बगैर भेद भाव के यथायोग्य मान सम्मान, माँ नर्मदा के परिक्रमावासियों की सेवा निरंतर करने का पुनीत कार्य उनकी देख–रेख में होता रहा और आज भी जारी है।‘आवा गागर में सागर‘ हैं उनके सपनों उनके पवित्र विचारों को विस्तार व गति परम शक्ति स्वंय प्रदान करते आई है और आज भी निरंतर सेवा कार्य जारी है। ऐसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व को सादर सत् सत् नमन उनका शुभाशीष बना रहे ।
श्री सुधीर सांरग पूर्व संस्थापक सदस्य
Our Apporach
We strive to provide a stimulating learning environment where students are encouraged to explore, question, and discover. Through innovative teaching methods and personalized attention, we aim to nurture a love for learning that lasts a lifetime.
Beyond academics, we recognize the importance of nurturing all facets of a child's development. Our comprehensive curriculum includes a wide range of extracurricular activities, sports, and arts programs designed to foster creativity, critical thinking, and leadership
At Bhawas Academy, our mission is to provide a nurturing and empowering learning environment where every student can thrive academically, socially, and emotionally. We are committed to fostering a culture of excellence, innovation, and collaboration, equipping our students with the knowledge, skills, and values they need to become lifelong learners and responsible global citizens."
"Our vision at Bhawas Academy is to inspire and empower the next generation of leaders, innovators, and changemakers. We envision a world where every individual has the opportunity to realize their full potential and contribute positively to society. Through personalized education, holistic development, and a commitment to excellence, we strive to create a brighter future for our students and the communities we serve."
They oversee major decisions regarding finance, policies, and overall governance
Bhawas Academy Management Committee
Managing Diretor
Bhawa's Academy school is a school with a future focus and a youthful optimism. Our caring relationship with student and partnership with parents provideus with the best opportunity to deliver an education that challenges every student to live our motto "Learn, Lead and Achieve
Kuldeep Gumasta
FROM THE CHAIRMAN'S
A child is a unique gift of God to humanity with a bundle of talents hidden inside. A teacher as a mentor, nurturer and an inspirer polishes the various talents and virtues of the child to make him or her, a responsible citizen of the society. Children are the future of the nation. So they should be taught the right values in life to develop the feeling of brotherhood and nationalism.
Mr. Shakti Singh
(Our Motivator)
Principal
It fills me with immense pride to serve as the principal of this esteemed institution, an English medium school established under the noble name of Bhawa. Bhawa was a woman of remarkable compassion, a loving mother who saw education as a beacon of hope, a tool to empower the less fortunate.
Nishi Singh
Shane Dore, PayPal
By enrolling in the Four Bear Program, UM guarantees you will graduate in four years with a bachelor’s degree. Discover the global city—filled with inspiration, opportunities to explore.
Nurturing Minds, Empowering Futures 🌟
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Students
50+
Qualified Staff
100%
Secure Campus
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Co-curricular activities to choose from
Bhawas Academy welcomes you with open arms
🌍 Global Perspective:
In an increasingly interconnected world, we emphasize the importance of global awareness and cultural competence. Through international exchange programs, collaborative projects, and exposure to diverse perspectives, we prepare our students to thrive in a multicultural society.
💡 Character Building:
We believe in instilling values of integrity, empathy, and resilience in our students. Through mentorship, character education programs, and community service initiatives, we aim to cultivate responsible global citizens who make a positive impact on the world around them.
Join Us:
Whether your child is just beginning their educational journey or seeking a supportive and enriching environment to grow, Bhawas Academy welcomes you with open arms. Together, let's unlock the full potential of every student and pave the way for a brighter future. Discover the Bhawas difference today!